Contest Alert ⚠️ 1 Picture 1 Story Week #88

in hive-180106 •  3 months ago  (edited)

मेरे प्रिय सभी स्टीमियन मित्रों और वरिष्ठ जनों को मेरा दिल से प्रणाम,

आज एक बार फिर से मैं @suboohi द्वारा आयोजित इस अद्भुत प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए यहां पर हूं. यदि आप भी इस प्रतियोगिता में भाग लेना चाहते हैं तो मैं उसके लिए यहां पर इस प्रतियोगिता का लिंक छोड़ रही हूं.
https://steemit.com/steem-for-pakistan/@suboohi/contest-alert-1-picture-1-story-week-88

1000001815.jpg
Source
एक राज्य में बहुत ही अत्याचारी राजा रहता था. वह अत्याचारी राजा अपने राज्य की महिलाओं को कारागार मे बंद करके रखता था. इस राज्य में एक गरीब किसान रहता था. उस गरीब किसान की पांच बेटियां थी वह अपनी पांचो बेटियों को राजा की नजरों से दूर एक बंद घर में छुपा कर रखता था. वह अपने घर की दरवाजे और खिड़कियों को इस तरह बंद करके रखता था कि एक मक्खी भी अंदर ना आने पाए.

ऐसे ही उसके पांचो बेटियां बड़ी हो गई और एक दिन अपने पिताजी से बोली , पिताजी आपने हमें इस तरह छुपा कर इतना बड़ा तो कर दिया है लेकिन हमें ऐसे कब तक रहना होगा, अगर आप नहीं होते तो हमारा क्या होता. किसान में जवाब दिया तुम लोग बिल्कुल भी चिंता मत करो तभी तो मैंने तुम पाचों को अलग-अलग प्रकार के गुण सिखाये हैं. अगर कोई संकट आ भी जाए तो तुम उस संकट से लड़कर अपने आप को बचा पाओ. और एक दूसरे की मदद कर पाओ.

तभी राजा के कुछ सैनिक उसके घर में आ जाते हैं और उस बूढ़े किसान से कहते हैं कब तक अपनी बेटियों को बचाए रखोगे. और कितने दिन राजा की नजरों से अपनी बेटियों को छुपाओगे. चलो राजा के पास तुम्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी. अब किसान को उसकी पांच बेटियों के साथ दरबार में पेश किया गया. उनके छुपाने की खबर सुनकर राजा बहुत ही क्रोधित हुआ, और बोला मैं तुम्हें उम्र कैद की नहीं मैं तुम्हें फांसी की सजा सुनाऊंगा. 7 दिनों के बाद तुम्हें फांसी पर चढ़ाया जाएगा.

बूढ़ा किसान यह सुनकर रोने लगा और राजा से क्षमा याचना करने लगा उसने कहा, महाराज मेरे पास इन पांच बेटियों के सिवा कुछ भी नहीं है मैं उनके बिना कैसे रहूंगा. महाराज हमें माफ कर दीजिए ऐसी गलती हम कभी भी नहीं करेंगे.

फिर किसान की बड़ी बेटी ने कहा, राजा जी हमने आपकी सजा को मान लिया है लेकिन किसी को फांसी देने से पहले उसकी आखिरी इच्छा तो पूछी ही जाती है ना. दया करके आप हमारी वह आखिरी इच्छा तो पूरी करने की कोशिश करेंगे ना महाराज ?

उसकी दूसरी बेटियों ने भी कहा हां महाराज हमारी आखिरी इच्छा यही है कि हम आपको अपने विशेष गुण दिखाना चाहते हैं. राजा ने कहा अच्छा तुम्मे कोई विशेष गुण भी है क्या विशेष गुण है बताओ?

किसान की बड़ी बेटी ने कहा महाराज जी मैं किसी भी फटे हुए कपड़े को ऐसे सिलाई करती हूं कि किसी को पता भी नहीं चलता कि वह कैसे सिला गया है. राजा ने कहा ठीक है अगर मैंने पकड़ लिया तो मैं तुम्हें अभी के अभी फांसी पर चढ़ा दूंगा बड़ी बेटी ने कहा ठीक है राजा जी मुझे मंजूर है. राजा के सैनिक ने उस लड़की को एक फटा हुआ रूमाल लाकर दिया. राजा ने कहा चलो अब सिलाई करके दिखाओ. लड़की ने उस रुमाल को ऐसे सीला कि वह बिल्कुल नए जैसा हो गया. राजा यह देखकर आश्चर्यचकित हो गया कि यह तो बिल्कुल नया लग रहा है इसमें तो एक भी धागा नहीं दिखाई दे रहा. यह सिलाई नहीं कोई जादू है.

फिर किसान की दूसरी बेटी ने कहा, जैसे बड़ी दीदी अच्छी सिलाई कर सकती हैं ऐसे ही मैं बहुत अच्छा खाना बना सकती हूं. राजा ने कहा ठीक है राज दरबार की रसोई घर में जाकर खाना बनाना शुरू कर दो.
राज दरबार के सभी लोगों के लिए आज तुम ही खाना बनाओगे लेकिन ध्यान रखना अगर खाना मुझे अच्छा नहीं लगा तो मैं तुम्हें अभी फांसी पर चढ़ा दूंगा. लड़की रसोई घर में खाना बनाने गई राजा ने गृह मंत्री को आदेश दिया की रसोई घर से नमक गायब कर दो. मैं देखता हूं कि बिना नमक के है लड़की कैसे अच्छा खाना बनाती है. रसोई घर में नमक ना मिलने पर लड़की ने अपने मन में सोचा राज दरबार का रसोई घर है और उसमें नमक भी नहीं है कोई बात नहीं आज मैं बिना नमक के ही खाना बनाऊंगी.

उसने अपनी जादुई शक्ति से बहुत ही स्वादिष्ट खाना बनाकर सबके आगे परोस दिया. राजा ने कहा मैंने इतना बढ़िया खाना आज तक नहीं खाया. लड़की ने पूछा खाना कैसा बना है महाराज, राजा ने कहा हां हां खाना तो अच्छा बना है लेकिन आज रात ही मैं तुम्हें फांसी पर चढ़ा दूंगा.

फिर किसान की तीसरी बेटी ने कहा क्यों महाराज मेरी दीदी ने खाना अच्छा बनाया है तो आप उसे फांसी पर क्यों चढ़ा देंगे इस पर राजा ने कहा खाना तो बहुत अच्छा बनाया है लेकिन मेरी रसोई को बिल्कुल तहस -नहस कर दिया है अब 1 घंटे के अंदर मुझे रसोई घर साफ करके दिखाएं.
अगर 1 घंटे रसोई साफ नहीं हुई तो मैं तुम सबको फांसी पर चढ़ा दूंगा. फिर किसान की तीसरी बेटी ने कहा अच्छा महाराज यह बात है तो आप बिल्कुल भी चिंता ना करिए. मैं 1 घंटे के अंदर राज दरबार का पूरा रसोई घर साफ कर दूंगी. मंत्री ने लड़की से कहा तुम पागल हो हमारे इतने बड़े रसोई घर को साफ करने के लिए 10 दासियां लगती है तब भी आधा दिन लग जाता है तुम अकेले 1 घंटे में कैसे कर दोगी.

तीसरी लड़की ने कहा मंत्री जी यही तो मेरी असली शक्ति है मैं अपनी इच्छा अनुसार पानी के बहाव को बदल सकती हूं. पानी मेरा दोस्त है वह मेरी हर बात मानता है आप देखना चाहते हैं तो देखिए. उसने हाथ जोड़कर कहा जल देवता कृपया करके यहां आइये और महाराज के रसोई घर को साफ कर दीजिए, महाराज को अभी तक आपकी शक्ति का अंदाजा नहीं है. तुरंत किचन साफ होना शुरू हो जाता है और 1 घंटे में पूरा रसोई घर साफ हो जाता है.

फिर राजा कहता है बस तुम लोगों का बहुत हो गया अब मैं तुम्हारी कोई शक्ति नहीं देखना चाहता और मैं 7 दिनों में तुम्हें फांसी पर चढ़ा दूंगा. अब चौथी बेटी ने कहा महाराज आप हमारे गुण को नहीं देखना चाहते तो कोई बात नहीं, लेकिन मैं महाराज से प्रार्थना करना चाहती हूं कि हम दोनों की भी अंतिम इच्छा को पूरा किया जाए.

राजा ने कहा बोलो क्या चाहिए तुम्हें . लड़की ने कहा, महाराज मै पेड़ पौधों की संभाल बहुत अच्छे से कर लेती हूं मैं पेड़ पौधों को छोटा और बडा भी कर सकती हूं. मुझे एक बरगद का बीज और उसके साथ मिट्टी से भरा हुआ एक गमला चाहिए. राजा ने कहा ठीक है, मंत्री जी, इनको एक बरगद का बीज दे दो और मिट्टी भर गमला दे दो और फिर इन्हें कारागार में डाल दो.

कारागार के अंदर जाने के बाद किसान की बड़ी बेटी ने कहा पिताजी हम अपने जादू से महाराज को खुश नहीं कर पाए हैं अब हम क्या करें? अगर हम यहां से किसी तरीके से छूट गए तो हम बहुत दूर किसी दूसरे राज्य में चले जाएंगे. फिर किसान की चौथी बेटी ने कहा घबराइए मत दीदी अभी हमारे पास समय भी है और हल भी. आप देखते जाइए.

उसने जल्दी से गमले के अंदर बीज को डाला और अपनी जादुई शक्ति से बरगद के पौधे को उगाया और उसको बहुत बड़ा पेड़ बना दिया. वह बरगद का पेड़ जल्द ही बहुत बड़ा हो गया फिर वह 6 जने उस बरगद के पेड़ पर बैठ गए. किसान ने कहा राजा को बेवकूफ मत समझो वह नीचे से पेड़ कटवा देगा और हम गिर जाएंगे. फिर उसके पांचवी बेटी ने कहा पिताजी आप मेरी शक्ति को भूल गए मैं अपने बालों की चोटी को कितना भी बड़ा और छोटा कर सकती हूं.

सबसे छोटी बेटी ने अपने चोटी को बहुत लंबा किया और वह उस लंबी चोटी के सहारे से बहुत दूर जाकर उतर गए. उधर जब राजा ने देखा बरगद के बड़े पेड़ पर किसान और उसकी पांचो बेटियां बैठे हैं तो उसने पेड़ को कटवाने का आदेश दिया. पेड़ के कट जाने से वह पेड़ उसके महल के ऊपर ही आकर गिरा और उसका सब कुछ नष्ट हो गया.

अब राजा रोने लगा, अरे अरे! मेरा तो सब कुछ ही खत्म हो गया. इस तरह उस राज्य में अत्याचारी राजा का राज्य खत्म हो गया. अब उस राज्य में सभी बच्चियां और औरतें आजाद जिंदगी जीने लगे गांव वालों ने बूढ़े किसान और उसकी बेटियों की खूब प्रशंसा की.

अब मैं अपने कुछ दोस्तों को इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आमंत्रित करना चाहती हूं. @pathanapsana @ulfatulrahmah and @deepak94 @yulexys21 @hafsasaadat90 @haidee @naina9

Thanks for reading my post

@dipi2024

Authors get paid when people like you upvote their post.
If you enjoyed what you read here, create your account today and start earning FREE STEEM!
Sort Order:  

1000220148.png

Thank you very much @suboohi ma'am and team 2 for support 😍

Loading...